देश

आ बैल मुझे मार जैसा हाल है; फार्म 17C पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा ऐसा…

सुप्रीम कोर्ट ने कानूनी रूप से आवश्यक नहीं होने के बावजूद जनता को वास्तविक समय पर अनुमानित मतदान आंकड़ा देने के लिए लॉन्च किए गए मोबाइल ऐप्लिकेशन को लेकर निर्वाचन आयोग की दुर्दशा को समझाने के लिए हिंदी मुहावरा ‘आ बैल मुझे मार’ का हवाला दिया।

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, ‘वोटर टर्नआउट’ मोबाइल ऐप को प्रत्येक राज्य में अनुमानित मतदान का आंकड़ा देने के लिए डिजाइन किया गया है।

इसके जरिये संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र स्तर तक के अनुमानित मतदान को देखा जा सकता है।

न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा कि मैंने निर्वाचन आयोग के वकील मनिंदर सिंह से विशेष रूप से मतदान ऐप के बारे में पूछा था कि क्या वास्तविक समय के आधार पर आंकड़ा अपलोड करने की कोई वैधानिक आवश्यकता है, जिस पर उन्होंने जवाब दिया कि ऐसी कोई वैधानिक आवश्यकता नहीं है और निर्वाचन आयोग निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए ऐसा करता है।

न्यायमूर्ति दत्ता ने मतदान प्रतिशत का पूरा आंकड़ा तुरंत सार्वजनिक नहीं करने को लेकर निर्वाचन आयोग की हो रही आलोचना का संदर्भ देते हुए कहा कि उस दिन मैंने खुली अदालत में कुछ नहीं कहा, लेकिन आज मैं कुछ कहना चाहता हूं। यह ‘आ बैल मुझे मार’ (परेशानी को आमंत्रित करने) जैसा है। अदालत ने आधारहीन आशंकाओं और संदेहों के बारे में चुनाव आयोग की चिंताओं से सहमति व्यक्त की।

The post आ बैल मुझे मार जैसा हाल है; फार्म 17C पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा ऐसा… appeared first on .

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button