रामलला की मूर्ति के लिए शिला देने वाला गांव क्यों भड़का? भाजपा सांसद के लिए लगा दी नो-एंट्री…
भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सिम्हा को सोमवार सुबह मैसूर जिले में ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा है।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले सिम्हा एक समारोह में भाग जा रहे थे, जहां उन्हें रोक दिया गया। यह घटना मैसूर में हारोहल्ली पंचायत के गुज्जेगौड़ानपुरा गांव की बताई जा रही है, जहां के दलित किसान रामदास एम. ने अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति के लिए शिला दी थी।
इसी शिला को कर्नाटक के वास्तुकार अरुण योगी ने तराशकर और रामलला का विग्रह तैयार किया।
अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियों के बीच गांव में शिलान्यास समारोह का आयोजन किया गया था।
जब सिम्हा समारोह के हिस्सा लेने के लिए मैसूर के बाहरी इलाके में स्थित गांव पहुंचे, तो स्थानीय नेताओं और गांव के लोगों ने उनके प्रवेश में बाधा डाली और उन पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया।
विरोध कर रहे लोगों ने भाजपा के खिलाफ विभिन्न दलितों के बीच कलह भड़काने का आरोप लगाते हुए सांसद से वहां से चले जाने की मांग की।
गांववालों ने लगाया दलित विरोधी होने का आरोप
2014 और 2019 में दो बार उस क्षेत्र से प्रताप सिम्हा सांसद रहे, बावजूद इसके उन्हें अपने लोकसभा क्षेत्र में प्रवेश करने से रोका गया।
शिकायत यह थी कि प्रताप ने दलितों के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां कीं। एक वीडियो सामने आया है जिसमें उन्हें गांव में प्रवेश करने से रोका जा रहा है।
उन्हें रोकने में स्थानीय लोग शामिल थे। स्थानीय लोगों ने सांसद पर कन्नड़ में तंज भी कसा। प्रताप के बॉडीगार्ड ने भीड़ को हटाने की कोशिश की।
गांववालों और सांसद के बीच बहस करीब दो मिनट तक चली। बीजेपी सांसद ने उस शख्स को शांत कराने की कोशिश की। मगर उन्हें गांव के अंदर घुसने नहीं दिया गया।
कुछ देर बाद बीजेपी सांसद मान गए और लौटने लगे, लेकिन मुख्य प्रदर्शनकारी ने उनका फिर भी पीछा किया। पुलिस उन्हें गाड़ी में बैठाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन भाजपा सांसद हालात को शांत करने का प्रयास करते नजर आ रहे थे।
सुर्खियों में रहे सांसद प्रताप सिम्हा
बता दें सांसद प्रताप सिम्हा का नाम इससे पहले हाल ही में संसद में हुई सुरक्षा चूक को लेकर भी विवादों में रहा। उनके दफ्तर से दो लोगों सागर शर्मा और डी मनोरंजन के लिए विजिटर पास का अनुरोध किया गया था।
गौरतलब है कि 6 लोगों ने जिस तरह से संसद के अंदर स्मोक केन छोड़ा था, उससे संसद की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल पैदा हुए हैं।
इसकी वजह से मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर भी आई है।
बाद में भाजपा सांसद ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से मिलकर अपनी सफाई दी थी।
उन्होंने कहा था कि एक व्यक्ति के पिता ने उनसे अपने बेटे के नए संसद भवन को देखने के लिए पास की गुजारिश की थी। इसी आधार पर उन्होंने इसकी सिफारिश की थी।