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रायपुर जंगल सफारी में वन्यजीवों की मौत: हिमालयन भालू और सात साही की मौत से हड़कंप

रायपुर जंगल सफारी में हिमालयन भालू और सात साही की मौत पर वन्यजीव प्रेमियों में आक्रोश। बार-बार जांच के कारण भालू की गर्मी से मौत का दावा, सफारी प्रशासन पर लापरवाही के आरोप।

रायपुर जंगल सफारी बना वन्यजीवों की कब्रगाह: हिमालयन भालू और सात साही की मौत से वन्यजीव प्रेमियों में आक्रोश

रायपुर। जंगल सफारी में वन्यजीवों की रहस्यमयी मौतों का सिलसिला जारी है। अगस्त-सितंबर 2024 में 35 काले हिरण और दो माउस डियर की मौत के बाद, अब नगालैंड के धीमापुर जू से लाए गए दो हिमालयन भालुओं में से एक की मौत हो गई। साथ ही पिछले 15 दिनों में सफारी में सात साही (पोरक्यूपाइन) भी दम तोड़ चुके हैं

हिमालयन भालू की मौत पर सवाल

वन्यजीव एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत जंगल सफारी प्रबंधन ने नगालैंड के धीमापुर जू को 5 चीतल और 2 काले हिरण देने के बदले दो हिमालयन भालू प्राप्त किए
  वन्यजीवों को ले जाने वाली सफारी की ही गाड़ी में भालुओं को लाया जा रहा था
 रास्ते में बार-बार रोककर जांच करने के कारण गर्मी से एक हिमालयन भालू की मौत हो गई
 सीसीएफ वाइल्ड लाइफ के अनुसार, पश्चिम बंगाल में वन्यजीव तस्करी की जांच के चलते वाहन घंटों फंसा रहा

जंगल सफारी में सात साही की रहस्यमयी मौतें

 पिछले 15 दिनों में जंगल सफारी में सात साही की मौत हो चुकी है
 मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं
 वन अफसरों ने कहा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही असली वजह सामने आएगी
 वन्यजीवों की मौत की खबर बाहर न आने देने के लिए सफारी प्रबंधन ने कोशिशें की

वन्यजीव प्रेमियों का आक्रोश

 वन्यजीव प्रेमियों ने डॉक्टरों की लापरवाही का आरोप लगाया
 नितिन सिंघवी समेत कई पर्यावरणविदों ने जंगल सफारी और कानन पेंडारी से वन्यजीव एक्सचेंज पर रोक लगाने की मांग की
 गुरु घासीदास नेशनल पार्क पहुंचने से पहले एक मादा बायसन की भी मौत हो चुकी है, जिसका जिम्मेदार सफारी प्रबंधन को ठहराया जा रहा है।

वन्यजीव संरक्षण में लापरवाही या प्रशासनिक उदासीनता?

 वन्यजीवों की मौत से सफारी प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल
 बार-बार जांच और लचर प्रबंधन से वन्यजीवों की जान जा रही है
  वन विभाग का कहना है कि गर्मी के कारण हिमालयन भालू की मौत हुई, लेकिन क्या रास्ते में उसके स्वास्थ्य परीक्षण की कोई व्यवस्था थी?

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