छत्तीसगढ़

बस्तर के नक्सल प्रभावित गांवों में विकास की बयार, 2026 तक खत्म होगा

कभी नक्सलियों की दहशत से कांपने वाले बस्तर के गांवों में अब विकास की नई राहें खुल रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की घोषणा के बाद

जगदलपुर: कभी नक्सलियों की दहशत से कांपने वाले बस्तर के गांवों में अब विकास की नई राहें खुल रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की घोषणा के बाद, जिसमें उन्होंने मार्च 2026 तक नक्सलियों का सफाया करने का संकल्प लिया है, बस्तर के गांवों में सड़कों के निर्माण कार्य को गति दी गई है।

इसका बड़ा उदाहरण है सुकमा जिले का गांव पूवर्ती, जो खूंखार नक्सली हिड़मा का पैतृक गांव रहा है। यहां सीमा सड़क संगठन (BRO) ने 189 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने की योजना बनाई है। यह सड़क नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को जोड़ने के साथ-साथ ग्रामीणों के जीवन को भी आसान बनाएगी।

पूवर्ती: कभी नक्सलियों का गढ़, अब विकास की ओर कदम

सुकमा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित पूवर्ती गांव, जो कभी नक्सलियों का पनाहगार था, अब दहशत के साए से बाहर निकल रहा है। सुरक्षाबलों की तैनाती और सीआरपीएफ कैंप स्थापित होने के बाद यहां लोक निर्माण विभाग की मदद से सड़क निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

  • सड़क मार्ग:
    • पूवर्ती से रायगुड़ा तक: 51 किमी
    • कोंडापल्ली-जिदपल्ली-पामेड़: 26 किमी
    • सिलगेर-पूवर्ती-कोंडापल्ली: 24 किमी
    • तर्रेम-चिन्नाबेलूर: 17 किमी

बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) इन क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्य को दिसंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

सड़क निर्माण से ग्रामीणों को राहत

ग्रामीणों के लिए सड़कों का निर्माण किसी वरदान से कम नहीं है। सिलगेर गांव के निवासी बुधराम और सोमू बताते हैं कि सड़क बनने से ब्लॉक और जिला मुख्यालय तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा। इससे एम्बुलेंस और अन्य सेवाएं भी गांव तक आ सकेंगी।

सुरक्षा और विकास का संतुलन

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में फोर्स का दबदबा बढ़ाने के लिए सुरक्षाबलों के कैंप की स्थापना की गई है।

  • बीजापुर और सुकमा के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा के चलते अब विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं।
  • बस्तर आईजी पी. सुंदरराज ने बताया कि सड़कों का निर्माण फोर्स की प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री और गृह मंत्री का समर्थन

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा लगातार क्षेत्र का दौरा कर जवानों का उत्साहवर्धन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री साय ने हाल ही में सीआरपीएफ कैंप में रात्रि विश्राम कर इतिहास रच दिया।

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