शनिवार, 14 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के 15वें दिन संविधान पर चर्चा के दौरान तीखी बहसें, राजनीतिक तकरार और आरोप-प्रत्यारोप का माहौल बना। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई बार नोकझोंक हुई, जिसमें डीएमके सांसद ए राजा की विवादित टिप्पणी और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पहले भाषण ने खास सुर्खियां बटोरीं।
डीएमके सांसद ए राजा की टिप्पणी पर विवाद
संसद सत्र के दौरान डीएमके सांसद ए राजा ने सत्ता पक्ष के सदस्यों को “बैड एलिमेंट” कह दिया। उनकी इस टिप्पणी के बाद एनडीए सांसदों ने सदन में जमकर हंगामा किया और ए राजा से माफी की मांग की।
- लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विवाद को शांत करने के लिए ए राजा की टिप्पणी को सदन के रिकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया।
- एनडीए सदस्यों ने आरोप लगाया कि विपक्ष लगातार नियमों का उल्लंघन कर सदन की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है।
संसद में ए राजा की टिप्पणी ने बहस को गरमा दिया और सदन को कई बार बाधित किया।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का हमला और भावुक बयान
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बहस की शुरुआत करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा अल्पसंख्यकों की राजनीति की है, जबकि बीजेपी ने “सबका साथ, सबका विकास” की नीति अपनाई।
- बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के संदर्भ में उन्होंने जवाहरलाल नेहरू को लेकर की गई टिप्पणियों का जिक्र किया, जिस पर विपक्षी सांसदों ने विरोध जताया।
- रिजिजू ने कहा,
“भारत में अल्पसंख्यकों को कानूनी सुरक्षा मिली है, जो दुनिया के कई देशों में दुर्लभ है।”
भावुक होते हुए उन्होंने अपने निजी अनुभव साझा किए और कहा कि वह ऐसे इलाके से आते हैं, जहां उन्होंने पहले हवाई जहाज देखे और बाद में कारें देखीं। उन्होंने कहा कि सांसद बनने के बाद उनके क्षेत्र में सड़कें बनीं।
- अंबेडकर के सपनों की चर्चा करते हुए रिजिजू ने कहा कि कानून मंत्री बनने के बाद उन्होंने संविधान निर्माता के अधूरे सपनों को पूरा करने का प्रयास किया।
प्रियंका गांधी वाड्रा का पहला भाषण: सरकार पर कड़े सवाल
प्रियंका गांधी वाड्रा ने संसद में अपना पहला भाषण दिया, जो चर्चा का मुख्य केंद्र बना।
- जवाहरलाल नेहरू का नाम न लिए जाने पर तंज: प्रियंका गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भाषण का जवाब देते हुए कहा:
“आप भले ही नेहरू जी का नाम न लें, लेकिन उनकी उपलब्धियों को भुलाया नहीं जा सकता।” - सरकार पर अडाणी विवाद को लेकर हमला:
- प्रियंका ने कहा कि सरकार उद्योगपतियों के पक्ष में काम कर रही है और किसानों की समस्याओं की अनदेखी कर रही है।
- “पहले राजा भेष बदलकर जनता का हाल जानने जाते थे, लेकिन आज के राजा मणिपुर तक नहीं जाते,” उन्होंने व्यंग्य कसा।
- महिला आरक्षण विधेयक:
प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार महिला सशक्तिकरण की बात करती है, लेकिन महिला आरक्षण विधेयक अब तक लागू नहीं हुआ है। - वर्तमान की जिम्मेदारी:
प्रियंका गांधी ने कहा कि सत्ता पक्ष अतीत पर चर्चा कर रहा है, जबकि जनता आज के कामों का हिसाब मांग रही है।
राजनाथ सिंह का पलटवार
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बहस के दौरान विपक्ष को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि संविधान कांग्रेस का “जेब में रखा दस्तावेज” नहीं है।
- राजनाथ ने कांग्रेस पर अतीत में संविधान के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।
- प्रियंका गांधी ने इसके जवाब में कहा कि यदि सत्ता पक्ष के पास अधिक सीटें होतीं, तो संविधान बदलने की कोशिश की जाती।
राहुल गांधी और पीएम मोदी के भाषण पर नजरें टिकीं
लोकसभा में चर्चा के दौरान दो मुख्य नेताओं – राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का सभी को इंतजार है।
- राहुल गांधी ने दोपहर 2 बजे अपना पक्ष रखा।
- प्रधानमंत्री मोदी शाम 4 बजे सरकार का दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे।
संसद की कार्यवाही पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं, क्योंकि संविधान पर यह चर्चा आगामी चुनावों की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
संविधान के दुरुपयोग पर विपक्ष का हमला
विपक्ष ने सरकार पर संविधान के दुरुपयोग का आरोप लगाया। प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार नारी शक्ति को सम्मान देने की बात करती है, लेकिन हकीकत इससे उलट है।
- विपक्ष ने सरकार पर चुनावी धनबल और विपक्ष को दबाने के लिए सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया।
संविधान पर चर्चा में मुख्य बिंदु
- ए राजा की विवादित टिप्पणी पर सत्ता पक्ष का विरोध।
- किरण रिजिजू का कांग्रेस पर अल्पसंख्यकों की राजनीति का आरोप।
- प्रियंका गांधी का पहला भाषण और सरकार पर अडाणी विवाद को लेकर हमला।
- राजनाथ सिंह का कांग्रेस पर जवाबी हमला।
- महिला आरक्षण विधेयक का मुद्दा।
- राहुल गांधी और पीएम मोदी के भाषणों का इंतजार।
शीतकालीन सत्र के 15वें दिन संविधान पर चर्चा के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। ए राजा की टिप्पणी ने सदन का माहौल गर्मा दिया, वहीं प्रियंका गांधी के पहले भाषण ने सरकार को घेरने का काम किया। इस चर्चा के अगले चरण में प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी के भाषण सदन की दिशा तय करेंगे।