अंबिकापुरछत्तीसगढ़

राज्यपाल के काफिले की गाड़ी से महिला की मौत: प्रशासन की संवेदनहीनता पर उठे सवाल

राज्यपाल के काफिले की गाड़ी से महिला की मौत: प्रशासन की संवेदनहीनता पर उठे सवाल

SURGUJA NEWS – मैनपाट, छत्तीसगढ़ के मैनपाट इलाके में राज्यपाल रमेन डेका के काफिले में शामिल एक वाहन की टक्कर से सूनी मझवार नामक महिला की मृत्यु हो गई। यह दर्दनाक घटना प्रशासनिक संवेदनहीनता को उजागर करती है, क्योंकि टक्कर के बाद भी राज्यपाल और प्रशासनिक अधिकारियों ने कोई मानवीय प्रतिक्रिया नहीं दी। इस घटना के बाद से स्थानीय लोग आक्रोशित हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।

कैसे हुई घटना?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह दुर्घटना उस समय हुई जब राज्यपाल का काफिला मैनपाट के दौरे पर था। इसी दौरान एक वाहन ने सूनी मझवार को टक्कर मार दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, काफिले में शामिल किसी भी वाहन ने रुककर घायल महिला की सहायता नहीं की, बल्कि सभी गाड़ियां आगे बढ़ गईं। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद घायल महिला को अस्पताल ले जाया गया। लेकिन गंभीर चोटों के चलते डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

प्रशासनिक लापरवाही और नाराजगी –

दुर्घटना के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई गई। राज्यपाल का काफिला बिना रुके आगे बढ़ गया, और बाद में प्रशासन ने भी इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया।

मृतका के परिवार ने सरकार से 10 लाख रुपये मुआवजे और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की। लेकिन प्रशासन ने सिर्फ 25,000 रुपये की तात्कालिक सहायता राशि दी और दो लाख रुपये मुआवजा देने का आश्वासन दिया। इससे स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है।

पुलिस की निष्क्रियता –

घटना के 24 घंटे बाद भी पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की, जिससे प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जब स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया, तब जाकर प्रशासन ने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर वाहन चालक की लापरवाही साबित होती है, तो दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। इस मामले में सरकार को संवेदनशीलता दिखानी चाहिए और मृतका के परिवार को न्याय दिलाने के लिए उचित मुआवजा व सहायता प्रदान करनी चाहिए।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया –

घटना के बाद से स्थानीय लोग बेहद गुस्से में हैं। उन्होंने सरकार और प्रशासन के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए न्याय की मांग की है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एक गरीब महिला की जान चली गई, लेकिन उच्च प्रशासनिक अधिकारियों और राज्यपाल ने इसे नजरअंदाज कर दिया।

अब देखना यह होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या मृतका के परिवार को न्याय मिल पाता है या नहीं।

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