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उज्जैन में विश्व रिकॉर्ड: 1500 कलाकारों ने एक साथ बजाया डमरू

शाम को निकलेगी महाकाल की सवारी

भोपाल: उज्जैन में सावन के तीसरे सोमवार को बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में शृंगार किया गया। महाकाल के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतारें रविवार देर रात से ही लगनी शुरू हो गईं। भस्म आरती के लिए मंदिर के पट रात 2.30 बजे खोले गए। शाम 4 बजे चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर मनमहेश स्वरूप में विराजित होकर बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलेंगे।

शक्ति पथ पर डमरू वादन का विश्व रिकॉर्ड

सवारी से पहले शक्ति पथ पर 1500 डमरू वादकों ने एक साथ 10 मिनट तक डमरू बजाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उज्जैन का नाम दर्ज कराया। गिनीज बुक के प्रतिनिधि ऋषिनाथ ने इसका सर्टिफिकेट सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक सतीश मालवीय और संतों को सौंपा। इस आयोजन का लाइव टेलीकास्ट 5 एलईडी स्क्रीन पर किया गया।

महाकाल के दर्शन और भस्म आरती

रविवार देर रात 1 बजे से भक्त कतारों में लगना शुरू हो गए थे। भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का शृंगार भांग, चंदन, मेवों और आभूषणों से किया गया। 15,000 से अधिक भक्तों ने भस्म आरती के दौरान दर्शन किए। मंदिर प्रशासन के मुताबिक, आज 3 लाख से ज्यादा भक्त महाकाल के दर्शन करेंगे।

मध्य प्रदेश के अन्य शिव मंदिरों में भी भक्तों की भीड़

सावन के तीसरे सोमवार पर ग्वालियर, खंडवा, छिंदवाड़ा और भोपाल के प्रमुख शिव मंदिरों में भी भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। इन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और अभिषेक का आयोजन किया गया।

इस ऐतिहासिक आयोजन ने उज्जैन का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया और भक्तों में अपार उत्साह पैदा किया।

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