रायपुर जिले में रेत खनन के संचालन को लेकर एक बार फिर बड़ी प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिले के छह नए रेत घाटों के संचालन के लिए नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिसके लिए इच्छुक आवेदक 26 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अधिकारियों के अनुसार, यदि सब ठीक रहा तो 27 नवंबर को कलेक्टोरेट परिसर में इन घाटों के आवंटन के लिए लॉटरी निकाली जाएगी।
इन 6 घाटों के लिए शुरू हुई प्रक्रिया
जिन छह नए रेत घाटों के लिए आवेदन मंगाए गए हैं, उनमें गोबरा नवापारा की टीला-बी, चांपाझर-ए, चांपाइर-बी, आरंग तहसील की हरदीडीह-बी, कुरुद की कुरुद-सी एवं राटाकाट बी शामिल हैं। यह प्रक्रिया ऐसे समय में शुरू हुई है, जब रेत सिंडिकेट के हावी होने के आरोप लग रहे हैं।
पहला घाट भी सिंडिकेट के हाथ
हाल ही में रायपुर जिले की जो पहली रेत घाट ऑनलाइन आवंटित की गई थी, उसे लेकर भी विवाद सामने आया है। उस एक घाट के लिए 501 आवेदन मिले थे, जिनमें से ऑनलाइन लॉटरी में जनक कुमार यादव का नाम निकला। दावा किया जा रहा है कि यह नाम रेत सिंडिकेट की ओर से डाला गया था, और इस घाट का संचालन भी सिंडिकेट वाले ही करेंगे। सिंडिकेट द्वारा अलग-अलग नामों से लगातार आवेदन जमा करने की खबरें हैं, जो नीलामी की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती हैं।
विवादों में घिरी पहली घाट
पहली ऑनलाइन आवंटित हुई टीला रेत घाट को लेकर भी गंभीर विवाद चल रहा है। आवंटन से पहले जांच में बताया गया था कि इस घाट के 500 मीटर की दूरी पर एक पुल का निर्माण हो रहा है, जिसके कारण घाट का सीमांकन विवादित था। हालांकि, जब आवंटन का समय आया, तब तहसीलदार और खनिज निरीक्षक ने अपने पुराने जांच प्रतिवेदन को पलट दिया। इन विवादों के बावजूद, अब प्रशासन 6 नए घाटों की नीलामी की तैयारी में जुट गया है, जिस पर रेत कारोबारियों और आम जनता दोनों की निगाहें टिकी हुई हैं।