गोवा के नाइट क्लब में लगी भीषण आग के मामले में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बड़े खुलासे किए हैं और स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने बताया कि इस हादसे में 40 लोगों की मौत हुई थी। मुख्यमंत्री ने आग लगने के मुख्य कारण का खुलासा करते हुए बताया कि यह दुर्घटना मुख्य रूप से अग्निशमन सुरक्षा मानकों में गंभीर लापरवाही के कारण हुई।
आग लगने का कारण और अवैध निर्माण
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने पत्रकारों को बताया कि नाइट क्लब का संचालन निर्धारित सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करते हुए किया जा रहा था।
- अग्निशमन सुरक्षा की कमी: क्लब में आग से बचाव के लिए आवश्यक उपकरणों और आपातकालीन निकास (Emergency Exits) की व्यवस्था अपर्याप्त थी।
- अवैध निर्माण: जांच में यह भी सामने आया है कि नाइट क्लब में अवैध निर्माण किया गया था, जिससे आग लगने की स्थिति में लोगों के बाहर निकलने के रास्ते बाधित हो गए। यह अवैध निर्माण संरचनात्मक सुरक्षा मानकों के विपरीत था।
सावंत ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नाइट क्लबों और अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिए सुरक्षा ऑडिट और नियमों का सख्त अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।
गिरफ्तारियाँ और मुआवजे की घोषणा
इस मामले में पुलिस ने लापरवाही बरतने और सुरक्षा मानकों की अनदेखी करने के आरोप में नाइट क्लब के 4 मैनेजरों को अब तक गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री ने पुष्टि की है कि कानूनी प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है और जांच में दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि सरकार प्रत्येक पीड़ित परिवार को ₹5 लाख का मुआवजा देगी, और घायलों का इलाज सरकार द्वारा निःशुल्क कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी बात की थी, क्योंकि गोवा अग्निकांड में उत्तराखंड के भी कुछ नागरिक प्रभावित हुए थे। उन्होंने धामी को हर संभव मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया है।
यह दुर्घटना नाइट क्लबों में सुरक्षा नियमों के सख्त अनुपालन की आवश्यकता को रेखांकित करती है, जिस पर राज्य सरकार अब कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है।