देश के 10 शहरों में बच्चों में ड्रग्स की लत, 11 साल तक के बच्चे भी प्रभावित

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली और मुंबई सहित देश के 10 प्रमुख शहरों में बच्चे नशीली दवाओं की लत की गिरफ्त में हैं, जिनमें 11 साल तक के कम उम्र के बच्चे भी शामिल हैं।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) द्वारा जारी एक चौंकाने वाली रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि देश के 10 प्रमुख शहरों में बच्चों में नशीली दवाओं की लत एक गंभीर समस्या बन गई है। यह रिपोर्ट बताती है कि कम उम्र के बच्चे, जिनकी उम्र 11 साल तक है, भी नशीली दवाओं और मादक पदार्थों का दुरुपयोग कर रहे हैं।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

  • प्रमुख शहर: रिपोर्ट में जिन 10 शहरों को सबसे ज्यादा प्रभावित बताया गया है, उनमें देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन शहरी क्षेत्रों में गरीबी, बेघर होना और सामाजिक अलगाव जैसे कारक बच्चों को नशे की लत की ओर धकेल रहे हैं।
  • कम उम्र के शिकार: सबसे चिंताजनक तथ्य यह है कि नशा करने वाले बच्चों की उम्र लगातार घट रही है। रिपोर्ट के अनुसार, 11 साल तक के बच्चे भी नशे की चपेट में हैं।
  • नशे के प्रकार: इन बच्चों द्वारा अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले नशीले पदार्थों में सॉल्वैंट्स (जैसे व्हाइटनर, फेवी क्विक), तंबाकू उत्पाद, भांग और अन्य स्ट्रीट ड्रग्स शामिल हैं।
  • कारण: इन बच्चों के नशे की ओर जाने का मुख्य कारण तनाव, साथियों का दबाव, और खासकर सड़कों पर रहने वाले बच्चों के लिए बेघर होना और आर्थिक तंगी बताया गया है।

सरकार और आयोग की भूमिका

यह रिपोर्ट बाल कल्याण और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चेतावनी है। NCPCR ने राज्य सरकारों और संबंधित प्राधिकरणों को निम्नलिखित के लिए निर्देश दिए हैं:

  1. जागरूकता अभियान: बच्चों और उनके परिवारों को नशीली दवाओं के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए व्यापक अभियान चलाना।
  2. पुनर्वास केंद्र (Rehabilitation Centers): नशे की लत से पीड़ित बच्चों के लिए विशेष और प्रभावी पुनर्वास केंद्रों की स्थापना करना।
  3. सुरक्षा और निगरानी: प्रभावित शहरों में बच्चों को नशे के सौदागरों से बचाने के लिए सुरक्षा और निगरानी बढ़ाना।

यह संकट बच्चों के भविष्य पर गंभीर खतरा उत्पन्न कर रहा है, जिसके लिए सरकार और नागरिक समाज दोनों के हस्तक्षेप की तत्काल आवश्यकता है।

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