उत्तर प्रदेश पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने एक ऐसे बड़े और संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो खुद को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का अधिकारी बताकर आम जनता और छोटे व्यापारियों से करोड़ों रुपये की ठगी करता था। इस गिरोह के पकड़े जाने से कई जिलों में चल रही धोखाधड़ी की घटनाओं पर लगाम लगने की उम्मीद है।
गिरोह की कार्यप्रणाली
जांच में सामने आया है कि यह गिरोह अत्यंत सुनियोजित तरीके से काम करता था:
- नकली पहचान: गिरोह के सदस्य फर्जी पहचान पत्र, आधिकारिक दिखने वाले वस्त्र और वाहनों का इस्तेमाल करते थे ताकि वे आसानी से लोगों को विश्वास दिला सकें कि वे उच्च पदस्थ अधिकारी हैं।
- ठगी के तरीके: वे नौकरी दिलाने, सरकारी टेंडर पास कराने, या बड़े औद्योगिक प्रोजेक्ट्स में हिस्सेदारी दिलाने का झूठा वादा करके लोगों से मोटी रकम ऐंठते थे।
पुलिस कार्रवाई
- पुलिस ने तकनीकी निगरानी (Technical Surveillance) और खुफिया सूचनाओं (Intelligence Inputs) के आधार पर गिरोह के सरगना समेत कई सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
- गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से फर्जी पहचान पत्र, सरकारी मुहरें (Seals), लैटरहेड, और ठगी गई रकम का एक हिस्सा बरामद किया गया है।
- पुलिस अब इस गिरोह के पूरे नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वे किन-किन राज्यों या शहरों में सक्रिय थे और उनके तार कहाँ तक जुड़े हैं।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे नौकरी या टेंडर के लालच में आने से बचें और ऐसे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की सूचना तुरंत पुलिस को दें।