पड़ोसी देश बांग्लादेश से अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की एक रूहं कांपने वाली घटना सामने आई है। कट्टरपंथियों द्वारा एक हिंदू युवक की नृशंस हत्या करने के बाद उसके शव को पेड़ से लटका दिया गया और फिर उसे आग के हवाले कर दिया गया। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकारों और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं।
घटना का पूरा विवरण
स्थानीय मीडिया और सूत्रों के अनुसार, पीड़ित युवक पर हमला तब हुआ जब वह अपने दैनिक कार्य के लिए बाहर निकला था। बताया जा रहा है कि भीड़ ने उसे घेर लिया और धार्मिक पहचान के आधार पर उसे निशाना बनाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हमलावर अत्यधिक उत्तेजित थे और उन्होंने युवक की बेदर्दी से पिटाई की, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद, अपनी क्रूरता का प्रदर्शन करते हुए हमलावरों ने उसके बेजान शरीर को एक पेड़ से उल्टा लटकाया और पूरे गांव के सामने उसमें आग लगा दी।
अल्पसंख्यकों में दहशत का माहौल
पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेश के भीतर राजनीतिक अस्थिरता के बीच हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में भारी वृद्धि देखी गई है। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि कट्टरपंथी तत्व कानून-व्यवस्था की कमजोरी का फायदा उठाकर सुनियोजित तरीके से इन वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इस ताजा घटना ने स्थानीय हिंदू परिवारों के बीच गहरे डर और असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है, जिससे कई परिवार पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस जघन्य अपराध की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद भारत समेत कई देशों में इसकी कड़ी निंदा की जा रही है। हिंदू संगठनों ने अंतरराष्ट्रीय समुदायों और संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग की है ताकि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के जीवन और संपत्ति की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। फिलहाल, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर इन हमलावरों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने का दबाव बढ़ता जा रहा है।