दिल्ली परिवहन बजट: ₹9,110 करोड़ का भारी आवंटन, मेट्रो विस्तार से प्रदूषण पर प्रहार की तैयारी

दिल्ली सरकार ने परिवहन विभाग का बजट बढ़ाकर ₹9,110 करोड़ किया। मेट्रो नेटवर्क के विस्तार और इलेक्ट्रिक बसों के जरिए प्रदूषण कम करने की बड़ी योजना। जानें बजट की मुख्य बातें।

दिल्ली सरकार ने शहर की परिवहन व्यवस्था को आधुनिक बनाने और प्रदूषण की गंभीर समस्या से निपटने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। हालिया बजट घोषणा में परिवहन विभाग के लिए ₹9,110 करोड़ की भारी-भरकम राशि आवंटित की गई है। इस बजट का मुख्य उद्देश्य दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क का विस्तार करना और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देकर प्रदूषण पर लगाम लगाना है।

मेट्रो नेटवर्क का विस्तार: कनेक्टिविटी और पर्यावरण का संगम

बजट का एक बड़ा हिस्सा दिल्ली मेट्रो के आगामी चरणों और विस्तार परियोजनाओं के लिए सुरक्षित किया गया है। सरकार का मानना है कि यदि सार्वजनिक परिवहन, विशेषकर मेट्रो, का जाल और अधिक सघन होता है, तो लोग निजी वाहनों का उपयोग कम करेंगे। इससे न केवल सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा, बल्कि कार्बन उत्सर्जन में भी भारी गिरावट आएगी। मेट्रो के विस्तार से दूर-दराज के इलाकों को मुख्य शहर से जोड़ना अब प्राथमिकता बन गया है।

प्रदूषण नियंत्रण पर विशेष फोकस

दिल्ली में वायु प्रदूषण एक स्थायी समस्या बनी हुई है। इस बजट के माध्यम से परिवहन विभाग ने ‘प्रदूषण मुक्त दिल्ली’ की दिशा में निवेश बढ़ाने का निर्णय लिया है।

  • इलेक्ट्रिक बसें: सरकार अपनी सार्वजनिक बस सेवा (DTC और क्लस्टर) में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने पर ज़ोर दे रही है।
  • EV इंफ्रास्ट्रक्चर: पूरे शहर में चार्जिंग स्टेशनों का जाल बिछाने के लिए फंड आवंटित किया गया है ताकि आम जनता इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित हो सके।

आधुनिक बस टर्मिनलों का कायाकल्प

सिर्फ मेट्रो ही नहीं, बल्कि बस टर्मिनलों और डिपो को भी आधुनिक सुविधाओं से लैस करने की योजना है। बजट में यात्रियों की सुविधा के लिए विश्वस्तरीय बस स्टैंड और डिजिटल इन्फॉर्मेशन सिस्टम विकसित करने का प्रावधान किया गया है।

निष्कर्ष: एक बेहतर भविष्य की ओर

परिवहन विभाग का ₹9,110 करोड़ का यह बजट दिल्ली की लाइफलाइन को मजबूत करने वाला साबित हो सकता है। यदि मेट्रो के चौथे चरण और अन्य फीडर सेवाओं का काम समय पर पूरा होता है, तो दिल्लीवासियों को न केवल जाम से मुक्ति मिलेगी, बल्कि उन्हें सांस लेने के लिए साफ हवा भी उपलब्ध हो पाएगी।

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