ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने यहूदी समुदाय से मांगी माफी, सुरक्षा और एकजुटता का दिया भरोसा

ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज ने बोंडी बीच हमले के बाद यहूदी समुदाय से माफी मांगी। जानें सुरक्षा उपायों और यहूदी-विरोधी हिंसा के खिलाफ सरकार के कड़े रुख के बारे में।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने सिडनी के प्रसिद्ध बोंडी बीच (Bondi Beach) पर हुए हमले के मद्देनजर यहूदी समुदाय से औपचारिक रूप से माफी मांगी है। इस हमले के बाद यहूदी समुदाय में पैदा हुए डर और असुरक्षा की भावनाओं को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में नफरत और हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है।

माफी और संवेदना का संदेश

प्रधानमंत्री अल्बनीज ने एक विशेष संबोधन में कहा कि सरकार यहूदी समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने में हुई किसी भी चूक के लिए खेद व्यक्त करती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बोंडी बीच हमला केवल कुछ व्यक्तियों पर नहीं, बल्कि ऑस्ट्रेलिया के बहुसांस्कृतिक ताने-बाने पर हमला था। उन्होंने समुदाय के उन परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की जिन्होंने इस दुखद घटना में अपनों को खोया या जो इस हिंसा से प्रभावित हुए।

सुरक्षा के कड़े इंतजामों का वादा

इस माफीनामे के साथ ही प्रधानमंत्री ने यहूदी स्कूलों, प्रार्थना स्थलों (Synagogues) और सामुदायिक केंद्रों की सुरक्षा बढ़ाने का कड़ा निर्देश दिया है। उन्होंने कहा, “हमारा कर्तव्य है कि हम हर ऑस्ट्रेलियाई को सुरक्षित महसूस कराएं, चाहे वह किसी भी धर्म या पृष्ठभूमि से हो। हम यहूदी-विरोधी (Anti-Semitism) भावनाओं और हिंसा के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाएंगे।”

सामाजिक एकजुटता पर जोर

अल्बनीज ने नागरिकों से अपील की कि वे इस कठिन समय में एकजुट रहें और किसी भी प्रकार के विभाजनकारी एजेंडे से बचें। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि हमले के पीड़ितों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता और पुनर्वास के लिए अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।

निष्कर्ष

बोंडी बीच की घटना ने न केवल ऑस्ट्रेलिया बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। प्रधानमंत्री का यह कदम न केवल मरहम लगाने का काम करेगा, बल्कि यह भी संदेश देगा कि लोकतंत्र में शांति और भाईचारा ही सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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