भारतीय सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल देखने को मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते तनाव और केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की भारी खरीदारी के कारण सोने के दाम अपने अब तक के सबसे उच्चतम स्तर (Record High) पर पहुंच गए हैं। न केवल सोना, बल्कि चांदी की कीमतों में भी जबरदस्त तेजी दर्ज की गई है, जिससे निवेशकों और आम खरीदारों के बीच हलचल बढ़ गई है।
क्यों बढ़ रहे हैं दाम? (प्रमुख कारण)
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, सोने की कीमतों में इस रिकॉर्ड तेजी के पीछे तीन मुख्य कारण हैं:
- सुरक्षित निवेश की मांग (Safe-Haven Demand): वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक अस्थिरता और युद्ध जैसे हालातों के कारण निवेशक शेयर बाजार के बजाय सोने को सुरक्षित निवेश मान रहे हैं।
- केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: भारत के रिजर्व बैंक (RBI) सहित दुनिया भर के कई केंद्रीय बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं।
- डॉलर में उतार-चढ़ाव: अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की स्थिति और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों से जुड़े फैसलों ने भी पीली धातु को मजबूती दी है।
भारतीय बाजार का हाल
भारत के प्रमुख शहरों में 24 कैरेट सोने की कीमत ने नए स्तर को पार कर लिया है। शादी-ब्याह के सीजन से पहले कीमतों में आई इस तेजी ने आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ा दिया है। वहीं, चांदी भी औद्योगिक मांग और निवेश के चलते नई ऊंचाइयों को छू रही है। जानकारों का मानना है कि यदि अंतरराष्ट्रीय हालात ऐसे ही रहे, तो आने वाले दिनों में सोने की कीमतें और अधिक बढ़ सकती हैं।
निवेशकों के लिए सलाह
बाजार के जानकारों का कहना है कि हालांकि सोना अपने पीक पर है, लेकिन लंबी अवधि के निवेश के लिए यह अभी भी एक भरोसेमंद विकल्प बना हुआ है। हालांकि, मौजूदा उच्च कीमतों को देखते हुए छोटे निवेशकों को ‘वेट एंड वॉच’ की स्थिति अपनानी चाहिए या गिरावट पर खरीदारी करनी चाहिए।