अंतरराष्ट्रीय रक्षा गलियारों में उस वक्त हड़कंप मच गया जब लीबियाई सेना प्रमुख (Libyan Army Chief) को ले जा रहा एक विमान तुर्किये की राजधानी अंकारा से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस भीषण हादसे में सेना प्रमुख की मौके पर ही मौत हो गई है। यह घटना तब हुई जब वे एक महत्वपूर्ण आधिकारिक यात्रा पूरी कर वापस लौट रहे थे। अब इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह महज एक तकनीकी खराबी थी या इसके पीछे कोई गहरी अंतरराष्ट्रीय साजिश है?
जांच के आदेश और बढ़ता संदेह
हादसे की गंभीरता को देखते हुए लीबिया और तुर्किये की सरकारों ने तत्काल प्रभाव से ‘क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन’ के आदेश दे दिए हैं। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, विमान ने अंकारा हवाई अड्डे से जैसे ही टेक-ऑफ किया, उसके कुछ ही मिनटों बाद उसका संपर्क रडार से टूट गया। विमान का मलबा एक सुनसान इलाके में मिला है। जांच दल इस बात की बारीकी से पड़ताल कर रहे हैं कि क्या विमान के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ की गई थी या उड़ान भरने से पहले सुरक्षा मानकों में कोई चूक हुई।
राजनीतिक हलचल और सुरक्षा चिंताएं
लीबिया में जारी अस्थिरता और वहां के आंतरिक सत्ता संघर्ष को देखते हुए, सेना प्रमुख की मौत को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनके समर्थकों और कई रक्षा विशेषज्ञों ने इस पर ‘साजिश’ की आशंका जताई है। अंकारा और त्रिपोली के बीच रक्षा संबंधों को देखते हुए, तुर्की के अधिकारी भी इस जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं। ब्लैक बॉक्स के डेटा का इंतजार किया जा रहा है ताकि विमान के अंतिम क्षणों की स्थिति स्पष्ट हो सके।
भविष्य की चुनौतियां
सेना प्रमुख की अचानक मृत्यु के बाद लीबियाई सैन्य ढांचे में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है। अब देखना यह होगा कि जांच एजेंसियां इस घटना के पीछे की सच्चाई कितनी जल्दी सामने ला पाती हैं। क्या यह एक तकनीकी विफलता थी या राजनीतिक हत्या? यह सवाल अभी भी हवा में बना हुआ है