अंबिकापुर में धान खरीदी में गड़बड़ी, 72 लाख का धान गायब
अंबिकापुर के खड़गवां धान खरीदी केंद्र में 72 लाख का धान गायब पाया गया। प्रभारी अनिल गुप्ता और ऑपरेटर अनिल भगत निलंबित, जांच जारी।
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से धान खरीदी में बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। खड़गवां धान समिति केंद्र में धान के भौतिक सत्यापन के दौरान 5,728 बोरा धान गायब पाया गया, जिसकी मूल्य करीब 72 लाख रुपए है। इस मामले में 2,291 क्विंटल धान के गायब होने का खुलासा हुआ। इसके बाद खरीदी केंद्र प्रभारी अनिल गुप्ता और ऑपरेटर अनिल भगत को निलंबित कर दिया गया है।
घटना का विवरण:
- स्थान: खड़गवां धान समिति केंद्र, मैनपाट ब्लॉक
- गायब धान की मात्रा: 5,728 बोरा (2,291 क्विंटल), कुल कीमत ₹72 लाख
- निलंबन: खरीदी केंद्र प्रभारी अनिल गुप्ता और ऑपरेटर अनिल भगत को निलंबित किया गया।
- जांच: कलेक्टर के निर्देश पर खाद्य अधिकारी की टीम ने छापा मारा।
धान खरीदी पर असर:
बीते सप्ताह केवल 22 मीट्रिक टन धान का उठाव हुआ था। वहीं, 52 मीट्रिक टन धान अभी भी समितियों में डंप था, जिससे धान खरीदी प्रभावित हो रही थी। मार्कफेड की नीति के अनुसार धान का उठाव तीन दिन में होना चाहिए था, लेकिन एक महीने से ज्यादा समय होने के कारण समितियां परेशान थीं। इसके चलते कई समितियां अघोषित तौर पर किसानों से 40 किलो की जगह 41-42 किलो धान ले रही थीं।
ध्यान देने योग्य बातें:
- कस्टम मिलिंग नीति: मार्कफेड ने 72 घंटे में धान उठाव की शर्त रखी थी।
- उठाव में तेजी: मिलर्स के साथ अनुबंध के बाद उठाव में तेजी आई। अब तक 46.24 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है, जबकि 21.58 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव पूरी तरह से किया गया।
कृषि केंद्रों में परेशानी:
राज्य के 2739 खरीदी केंद्रों में से 2000 केंद्रों में दो से तीन गुना बफर स्टॉक था। मिलर्स से अनुबंध होने के बाद अब 1300 समितियों में बफर स्टॉक की स्थिति सामान्य हो रही है। वहीं, सेवा सहकारी समिति मल्हार के भरारी धान खरीदी केंद्र में भी बफर लिमिट से अधिक धान खरीदी की खबरें सामने आई थीं।
मल्हार केंद्र पर कार्रवाई:
भरारी धान खरीदी केंद्र प्रभारी जगजीवन कुरें को कलेक्टर ने हटाने के निर्देश दिए थे। कुरें पर धान खरीदी में गड़बड़ी और लापरवाही के कई आरोप लगे थे।