केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में सुरक्षाबलों द्वारा प्रतिबंधित माओवादी संगठन के सेंट्रल कमेटी (CC) सदस्य गणेश उइके को ढेर किए जाने को एक “बड़ी उपलब्धि” करार दिया है। गृह मंत्री ने सुरक्षाबलों के साहस की सराहना करते हुए कहा कि शीर्ष नेतृत्व के सफाए से नक्सली आंदोलन की कमर टूट गई है।
सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी
गणेश उइके, जिस पर लाखों रुपये का इनाम घोषित था, लंबे समय से सुरक्षाबलों की हिट लिस्ट में शामिल था। वह बस्तर और महाराष्ट्र के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय था और कई बड़ी हिंसक वारदातों का मास्टरमाइंड माना जाता था। गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि उइके जैसे बड़े कैडर का मारा जाना सुरक्षाबलों की बेहतरीन रणनीति और सटीक खुफिया जानकारी का परिणाम है।
2026 तक नक्सलवाद मुक्त भारत का संकल्प
गृह मंत्री ने अपने संबोधन में दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार नक्सलवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर चल रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि जिस गति से नक्सल विरोधी अभियान चल रहे हैं, उससे साल 2026 तक भारत को नक्सलवाद की समस्या से पूरी तरह मुक्त कर लिया जाएगा। सरकार न केवल सैन्य अभियानों बल्कि प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों के जरिए भी इस विचारधारा को जड़ से उखाड़ने का काम कर रही है।
बैकफुट पर माओवादी संगठन
हाल के महीनों में छत्तीसगढ़ और आसपास के राज्यों में नक्सलियों के शीर्ष नेतृत्व को भारी नुकसान पहुंचा है। गणेश उइके की मौत से माओवादी संगठनों में नेतृत्व का संकट गहरा गया है। गृह मंत्री ने नक्सलियों से हिंसा छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने की अपील भी की, साथ ही चेतावनी दी कि यदि वे हथियार नहीं छोड़ते हैं, तो सुरक्षाबलों की कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
इस ऑपरेशन की सफलता ने स्थानीय ग्रामीणों और आदिवासियों के बीच सुरक्षा की भावना को मजबूत किया है, जो लंबे समय से नक्सली हिंसा के बीच जीने को मजबूर थे।