भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चुनाव: किरण देव की वापसी, राष्ट्रीय परिषद के लिए 17 नामांकन
छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव से पहले भाजपा में संगठनात्मक बदलाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन ने संकेत दिए हैं
रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव से पहले भाजपा में संगठनात्मक बदलाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन ने संकेत दिए हैं कि लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन कराने वाले किरण देव को एक बार फिर प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इस निर्णय से पार्टी के भीतर उम्मीदें बढ़ गई हैं।
किरण देव को दोबारा नेतृत्व सौंपने की संभावना
लोकसभा चुनाव 2024 में किरण देव के नेतृत्व में भाजपा ने 11 में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसे देखते हुए पार्टी ने उन्हें पुनः प्रदेशाध्यक्ष बनाने का फैसला लिया है। 17 जनवरी को राष्ट्रीय संगठन से नियुक्त चुनाव अधिकारी विनोद तावड़े रायपुर पहुंचेंगे और उसी दिन प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव होगा।
चुनाव प्रक्रिया का विवरण
- प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव के लिए एक दर्जन नामांकन फार्म भरे जाएंगे।
- हर फार्म में एक प्रस्तावक और एक समर्थक जरूरी होगा।
- नामांकन पत्र पर उम्मीदवार की सहमति और हस्ताक्षर अनिवार्य होंगे।
- प्रस्तावक और समर्थक के रूप में 135 प्रदेश प्रतिनिधि, 36 जिलाध्यक्ष, 6 विधायक और 1 सांसद पात्र होंगे।
राष्ट्रीय परिषद के 17 सदस्य भी चुने जाएंगे
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए राष्ट्रीय परिषद के 17 सदस्यों का चयन होगा।
- इनमें से 5 सदस्य एससी और एसटी वर्ग से होंगे।
- शेष 12 सदस्यों में सामान्य और ओबीसी वर्ग के नेता शामिल होंगे।
- नामांकन प्रक्रिया के लिए प्रस्तावक और समर्थक वही होंगे जो प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव में पात्र हैं।
प्रदेश संगठन चुनाव की स्थिति
छत्तीसगढ़ में भाजपा का संगठन चुनाव लगभग पूरा हो चुका है।
- 36 में से 35 जिलाध्यक्षों का चयन हो गया है।
- अंतिम जिले का चुनाव 16 जनवरी को होगा।
चुनाव अधिकारी की उपस्थिति में प्रक्रिया पूरी होगी
राष्ट्रीय संगठन से चुनाव अधिकारी विनोद तावड़े के 17 जनवरी को रायपुर आने के बाद,
- प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव संपन्न होगा।
- राष्ट्रीय परिषद के 17 सदस्यों के नाम तय कर उनका नामांकन किया जाएगा।
राष्ट्रीय परिषद में दिग्गज नेताओं की एंट्री
छत्तीसगढ़ से राष्ट्रीय परिषद के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, वरिष्ठ नेता, सांसद, विधायक, और अन्य अनुभवी नेताओं को शामिल किए जाने की संभावना है।
समाप्ति
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद के चुनावों से पार्टी संगठन को नए सिरे से मजबूती मिलने की उम्मीद है। यह बदलाव नगरीय निकाय और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों को धार देगा।