रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज (3 दिसंबर 2025) मंत्रालय, महानदी भवन में मंत्रिपरिषद की एक महत्वपूर्ण बैठक शुरू हुई। इस बैठक में राज्य के नीतिगत और प्रशासनिक विषयों पर कई अहम निर्णय लिए जाने की संभावना है, जिसका सीधा असर प्रदेश की जनता पर पड़ेगा।
बैठक की शुरुआत के साथ ही, पिछली कैबिनेट (14 नवंबर) में लिए गए बड़े फैसलों की विस्तृत जानकारी सामने आई है। ये निर्णय छत्तीसगढ़ में सुशासन को बढ़ावा देने और आर्थिक गतिविधियों को गति देने के उद्देश्य से लिए गए हैं।
पिछली कैबिनेट के मुख्य फैसले (14 नवंबर):
- धान खरीदी की गारंटी में ऐतिहासिक वृद्धि: राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए धान उपार्जन हेतु बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से ली गई ₹15,000 करोड़ की शासकीय प्रत्याभूति (Guarantee) को पुनर्वैध किया गया है। इसके अलावा, विपणन संघ को ₹11,200 करोड़ की अतिरिक्त शासकीय प्रत्याभूति राशि भी प्रदान करने का निर्णय लिया गया, ताकि धान खरीदी में कोई बाधा न आए।
- दलहन-तिलहन की समर्थन मूल्य पर खरीदी जारी: किसानों के हित में, खरीफ और रबी विपणन मौसम में दलहन-तिलहन फसलों (जैसे अरहर, मूंग, उड़द, चना, सरसों आदि) का उपार्जन पूर्व की भांति ‘प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान’ (PM-AASHA) के तहत समर्थन मूल्य पर जारी रखने का निर्णय लिया गया है। इससे कृषकों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त होने की संभावना बढ़ेगी।
- प्रशासनिक सुधार: “मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस”: शासकीय कार्यों में सुशासन को बढ़ावा देने के लिए प्रशासनिक फेरबदल किए गए हैं।
- सार्वजनिक उपक्रम विभाग को वाणिज्य और उद्योग विभाग में मिला दिया गया है।
- बीस सूत्रीय कार्यान्वयन विभाग का संविलियन योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग में किया गया है।
- आवास योजनाओं में नियमों में छूट: राज्य प्रवर्तित दीनदयाल आवास योजना, अटल आवास योजना और नवा रायपुर मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत अविक्रित (unsold) ईडब्ल्यूएस (EWS) और एलआईजी (LIG) भवनों/फ्लैटों की बिक्री को लेकर नियमों में बदलाव किया गया है।
- तीन बार विज्ञापन के बावजूद न बिकने पर, अब इन्हें किसी भी आय वर्ग के हितग्राही को बेचा जा सकेगा। हालांकि, ऐसे खरीदारों को शासन द्वारा स्वीकृत अनुदान की पात्रता नहीं होगी।
- इसके साथ ही, इन्हें एकल व्यक्ति या निजी/सरकारी संस्थाओं द्वारा बल्क खरीद (एक से अधिक संपत्ति) के लिए भी बेचा जा सकेगा, लेकिन इन्हें भी अनुदान नहीं मिलेगा।
- क्रिकेट स्टेडियम को लीज पर देने का निर्णय: राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शहीद वीर नारायण सिंह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, नवा रायपुर को दीर्घकालीन संचालन और विकास कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ राज्य क्रिकेट संघ को अनुबंध के अनुसार लीज पर देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इस फैसले से राज्य के उभरते क्रिकेट खिलाड़ियों को उच्च स्तर का प्रशिक्षण मिलेगा और राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों का आयोजन सुनिश्चित होगा।