मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में कलेक्टर, एसपी और डीएफओ के साथ एक मैराथन बैठक में सख्त तेवर दिखाए। इस बैठक में उन्होंने जनहित के कामों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करने का स्पष्ट संदेश दिया। यह बैठक सुशासन और योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी, जिसमें मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के प्रदर्शन को परखा। छत्तीसगढ़ में सीएम साय का सख्त रुख: ‘जनहित के कामों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं’
बैठक में, सीएम साय ने अधिकारियों को कई अहम निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सुबह 7 बजे से पहले वार्डों की सफाई का जायजा लें और स्वच्छ भारत अभियान के तहत लंबित भुगतानों को लेकर नाराजगी भी जताई। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी भुगतान समय पर किए जाएं ताकि काम प्रभावित न हो।
मुख्यमंत्री ने वन विभाग के काम की भी समीक्षा की और वन उत्पादों को शहर तक पहुंचाने की नीति पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि वनों पर निर्भर आदिवासियों के कल्याण और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। बैठक में ‘गुड गवर्नेंस’ पर भी गहन चर्चा हुई, जिसमें सीएम ने कहा कि प्रशासनिक जिम्मेदारी केवल काम करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संवेदनशीलता और जवाबदेही का भी विषय है।
इस बैठक में जनजातीय विकास और पीएम जनमन योजना जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इन योजनाओं को 31 मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया। उन्होंने कहा कि सुशासन की वास्तविक पहचान यही है कि शासन की हर योजना का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे।