रायपुर: राजधानी रायपुर में आयोजित ‘सुजलाम भारत जल संरक्षण एवं जल संवर्धन कार्यशाला’ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जल संरक्षण को आज के युग की सबसे बड़ी आवश्यकता बताया। गुरुवार को एक निजी होटल में आयोजित इस कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने भूजल स्तर में लगातार हो रही गिरावट पर गहरी चिंता जताई।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में सुजलाम भारत अभियान के तहत जल संसाधनों के संरक्षण और एकत्रीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस अभियान को केवल सरकारी पहल तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे एक जन आंदोलन का रूप देना होगा, तभी भविष्य की पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। उन्होंने जनता से हर बूंद का महत्व समझने और जल संरक्षण को जीवन का अभिन्न अंग बनाने का आग्रह किया।
जल प्रबंधन और नक्सलवाद पर सरकार का प्रयास
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार भी जल संरक्षण और जल पुनर्भरण (रीचार्ज) के लिए कई स्तरों पर काम कर रही है। उन्होंने पिछली बार सूखे जैसी स्थिति का ज़िक्र किया जब सरकार ने टैंकरों के माध्यम से तुरंत जल आपूर्ति सुनिश्चित की थी। उन्होंने इस वर्ष हुई पर्याप्त बारिश के लिए भगवान का आभार व्यक्त किया, जिससे जलाशयों का जल स्तर सुधरा है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल स्रोतों के संरक्षण के लिए जनभागीदारी को हर जिले में बढ़ावा दिया जाए। कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारी, पर्यावरण विशेषज्ञ और जल संरक्षण कार्यकर्ता मौजूद थे, जिन्होंने अपने अनुभव और सुझाव साझा किए।
जल संरक्षण के साथ-साथ, मुख्यमंत्री ने राज्य में नक्सलवाद के खात्मे पर भी बात की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ठोस नीतियों के कारण नक्सल गतिविधियों पर लगातार नियंत्रण पाया जा रहा है, जिसका प्रमाण हाल ही में 16 नक्सलियों का आत्मसमर्पण है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के संकल्प को दोहराया कि मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा।