फरीदाबाद/शोपियां: दिल्ली में हुए भीषण बम धमाके के बाद जांच एजेंसियों को फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के साथ एक बड़ी सफलता मिली है। गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी की पहचान जम्मू-कश्मीर के शोपियां निवासी इमाम इरफान अहमद के रूप में हुई है। सनसनीखेज खुलासे में सामने आया है कि यह इमाम डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों को कट्टरपंथी बनाकर उन्हें आतंकवाद की राह पर धकेल रहा था।
मास्टरमाइंड की पहचान और भूमिका
इमाम इरफान अहमद लंबे समय से फरीदाबाद में आतंक की एक नई ‘फैक्ट्री’ विकसित करने में लगा हुआ था।
- दोहरी पहचान: इरफान अहमद श्रीनगर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में पैरामेडिकल स्टाफ था और छात्रों के साथ लगातार संपर्क में रहता था। इसके साथ ही, वह नौगाम की एक मस्जिद में इमाम भी था।
- ब्रेनवॉश का तरीका: वह डॉक्टरों और मेडिकल स्टूडेंट्स के दिमाग में जिहादी जहर भरने में जुटा था। बताया गया है कि इमाम ने फरीदाबाद के मेडिकल कॉलेज में एक नए मॉड्यूल की नींव रखी, जिसमें कई डॉक्टर और मेडिकल छात्र शामिल थे।
- अंतर्राष्ट्रीय कनेक्शन: जांच में यह भी सामने आया है कि इरफान अहमद अफगानिस्तान में कुछ लोगों से वीओआईपी (VoIP) के माध्यम से संपर्क में था।
दिल्ली ब्लास्ट से सीधा संबंध
जांच एजेंसियों के मुताबिक, इरफान अहमद इस फरीदाबाद मॉड्यूल का मास्टरमाइंड था। इस मॉड्यूल से जुड़े दो डॉक्टर, मुजम्मिल शकील और मोहम्मद उमर, उसकी योजना को जमीन पर उतारने में सक्रिय थे।
- धमाके को अंजाम देने वाले डॉ. मोहम्मद उमर ने कथित तौर पर हड़बड़ी में ब्लास्ट किया था, क्योंकि मॉड्यूल का पर्दाफाश होने के बाद वह जल्दबाजी में था। उमर सीधे तौर पर मौलवी इरफान अहमद से जुड़ा हुआ था।
- इस मॉड्यूल का फाइनेंसर, उत्तर प्रदेश की डॉ. शाहीन सईद, को जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग जमात-उल-मोमिनात का भारतीय कमांडर बताया गया है। शाहीन ने कबूल किया है कि वह और उसके साथी दो साल से भारत में कई शहरों में बड़े आतंकी हमले करने की साजिश रच रहे थे और विस्फोटक जमा कर रहे थे।