छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुणदेव गौतम ने हाल ही में पुलिस कंट्रोल रूम का औचक निरीक्षण किया और तुरंत रायपुर जिले के सभी CSP (सिटी पुलिस अधीक्षक) और ASP (अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक) की एक बैठक बुलाई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य में चलाए जा रहे नशामुक्ति अभियान ‘ऑपरेशन निश्चय’ को और अधिक मजबूत करने की रणनीति तैयार करना था।
ऑपरेशन निश्चय की तीन शर्तें
रायपुर रेंज आईजी अमरेश मिश्रा ने बैठक में बताया कि ‘ऑपरेशन निश्चय’ तीन प्रमुख आधारों पर काम करता है:
- ड्रग्स की सप्लाई रोकना।
- खपत को कम करना।
- कोर्ट तक मामलों की मॉनिटरिंग करना।
मिली सफलता और आगे की योजना
- सप्लाई चेन ध्वस्त: आईजी मिश्रा ने जानकारी दी कि ड्रग्स की सप्लाई रोकने में पुलिस को अच्छी सफलता मिली है। पाकिस्तान के रास्ते पंजाब से आने वाले कुल 10 मॉड्यूल को ध्वस्त किया गया है। साथ ही, दिल्ली और मुंबई से आने वाले सिंथेटिक ड्रग्स की बड़ी खेपों पर भी कार्रवाई हुई है।
- थानों से रिहैब: अब रणनीति में बदलाव करते हुए, थानों के स्तर से ही पुनर्वास (रिहैब) की कार्रवाई शुरू की जाएगी। इससे प्रभावित लोगों तक पहुँच बनाना आसान होगा।
- पुनर्वास लक्ष्य: आईजी मिश्रा ने बताया कि लक्ष्य 2 से 3 लाख लोगों का पुनर्वास करना है, लेकिन वर्तमान में क्षमता कम है। पहले चरण में उन लोगों को शामिल किया गया है जिन्हें उनके परिवार का समर्थन प्राप्त है।
- वित्तीय विश्लेषण: ड्रग्स की सप्लाई चेन को पूरी तरह तोड़ने के लिए अब फाइनेंशियल एनालिसिस (वित्तीय विश्लेषण) और फोरेंसिक एनालिसिस की जा रही है, ताकि इस अवैध व्यापार के मार्जिन और पूरे नेटवर्क को समझा जा सके।
डीजीपी ने सभी अधिकारियों को इस अभियान को पूरी गंभीरता से लेने और समाज से नशे की बुराई को मिटाने के लिए सक्रिय रूप से काम करने का निर्देश दिया।