अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने बेबाक और मजाकिया अंदाज को लेकर चर्चा में हैं। अपनी आर्थिक नीतियों और ‘अमेरिका फर्स्ट’ के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए ट्रंप ने एक कार्यक्रम के दौरान टैरिफ (आयात शुल्क) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि “टैरिफ” अब उनका पांचवां सबसे पसंदीदा शब्द बन गया है।
आर्थिक राष्ट्रवाद पर ट्रंप का जोर
डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान महज एक मजाक नहीं, बल्कि उनकी आने वाली आर्थिक नीतियों का एक स्पष्ट संकेत माना जा रहा है। ट्रंप लंबे समय से विदेशी आयात पर भारी टैक्स लगाने के पक्षधर रहे हैं, ताकि अमेरिकी घरेलू उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने अपनी स्पीच में संकेत दिया कि वह बाहरी देशों से आने वाले सामानों पर शुल्क बढ़ाकर अमेरिकी अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने का इरादा रखते हैं।
पसंदीदा शब्दों की सूची और राजनीति
ट्रंप ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को हंसाते हुए कहा कि उनके शब्दकोश में कई पसंदीदा शब्द हैं, लेकिन जिस तरह से टैरिफ ने उनकी नीतियों में जगह बनाई है, वह अब उनके टॉप 5 में शामिल है। हालांकि उन्होंने अपने पहले चार पसंदीदा शब्दों का खुलासा नहीं किया, लेकिन जानकारों का मानना है कि उनमें “अमेरिका”, “जॉब्स” और “विनिंग” जैसे शब्द शामिल हो सकते हैं।
वैश्विक बाजार पर असर
ट्रंप के इस रुख ने अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक समुदायों और मित्र देशों के बीच चिंता भी बढ़ा दी है। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि अगर ट्रंप प्रशासन टैरिफ के मामले में सख्त कदम उठाता है, तो चीन, मैक्सिको और यूरोपीय देशों के साथ व्यापारिक तनाव बढ़ सकता है। राष्ट्रपति का मानना है कि टैरिफ न केवल राजस्व बढ़ाने का जरिया है, बल्कि यह दूसरे देशों को अमेरिका के साथ बेहतर और निष्पक्ष व्यापार समझौते करने के लिए मजबूर करने का एक हथियार भी है।