पूरे देश की तरह मध्य प्रदेश में भी विजयादशमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस साल रावण दहन के कार्यक्रम कई मायनों में खास और यादगार रहे, जबकि कुछ जगहों पर अप्रत्याशित घटनाएं भी हुईं।
भोपाल में 105 फीट का रावण जला
राजधानी भोपाल में दशहरा उत्सव का मुख्य आकर्षण कोलार के बंजारी दशहरा मैदान में जलाया गया 105 फीट ऊंचा रावण का पुतला था। इसके अलावा, भेल के जंबूरी मैदान में भी 111 फीट के रावण का दहन किया गया। हालांकि, एक हैरान करने वाली घटना में, बाग मुगालिया में शाम को जलने वाला रावण का पुतला सुबह 6 बजे ही अपने आप जलने लगा, जिससे आयोजक हैरान रह गए।
इंदौर में आतंकवाद के खिलाफ संदेश
इंदौर में दशहरा मैदान और विजय नगर में रावण दहन के भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। दशहरा मैदान में 111 फीट ऊंचे रावण के पुतले के साथ 250 फीट लंबी लंका का दहन हुआ, जबकि विजय नगर में 61 फीट के पुतले को जलाया गया। एक अनूठी पहल के तहत, इंदौर के एयरपोर्ट रोड पर रावण के साथ उन आतंकियों के पुतले भी जलाए गए जिन्होंने पहलगाम में आतंकी घटना को अंजाम दिया था। इस दौरान ‘जय श्री राम’ के नारे गूंज उठे।
उज्जैन में आंधी से गिरा रावण का पुतला
वहीं, उज्जैन में मौसम ने रावण दहन में बाधा डाली। यहां दशहरा मैदान में दहन से ठीक पहले तेज हवा और बारिश के कारण 101 फीट ऊंचा रावण का पुतला जमीन पर गिर गया। रावण के हाथ में एके-47 बंदूक दिखाई गई थी, जिससे यह आतंकवाद के खिलाफ एक सशक्त संदेश दे रहा था। हालांकि, पुतला गिरने के बाद भी, आयोजकों ने गिरे हुए रावण का प्रतीकात्मक दहन किया और शानदार आतिशबाजी का प्रदर्शन किया। यह भी उल्लेखनीय है कि उज्जैन में कुछ स्थानों पर रावण को एक महान शिवभक्त मानकर उसका दहन करने के बजाय पूजा भी की जाती है।