छत्तीसगढ़ महतारी (छत्तीसगढ़ माता) की प्रतिमा राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) पर स्थापित करने पहुंचे किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई। प्रशासन की अनुमति के बिना प्रतिमा स्थापित करने के प्रयास के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए छह प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया।
विरोध प्रदर्शन और कार्रवाई
यह घटना रायपुर या दुर्ग के पास किसी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई।
- उद्देश्य: किसान मोर्चा के सदस्य राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे एक निश्चित स्थान पर छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित करना चाहते थे। किसान मोर्चा का तर्क था कि यह प्रतिमा राज्य की पहचान और किसानों के सम्मान का प्रतीक है।
- प्रशासन का रुख: पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने हस्तक्षेप किया, क्योंकि सार्वजनिक राजमार्ग पर बिना सरकारी अनुमति के प्रतिमा स्थापित करना अतिक्रमण और यातायात नियमों का उल्लंघन माना जाता है।
- झड़प और गिरफ्तारी: जब कार्यकर्ताओं ने प्रतिमा स्थापित करने की कोशिश जारी रखी और प्रशासन को हटाने की कोशिश की गई, तो माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने बल प्रयोग किया और कानून-व्यवस्था भंग करने के आरोप में छह प्रमुख सदस्यों को हिरासत में ले लिया।
किसान मोर्चा की प्रतिक्रिया
गिरफ्तारी के बाद किसान मोर्चा के अन्य सदस्यों ने इसे लोकतंत्र की आवाज दबाने वाला कदम बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार छत्तीसगढ़ की संस्कृति और पहचान को लेकर असंवेदनशील है।
गिरफ्तार किए गए सदस्यों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि वैधानिक प्रक्रिया का पालन किए बिना किसी भी सार्वजनिक स्थल पर ऐसी संरचनाएं स्थापित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।