कोरबा: आश्रित ग्राम जावा के ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार, मांग है स्वतंत्र ग्राम पंचायत का दर्जा
कोरबा के आश्रित ग्राम जावा के ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव में मतदान न करने का संकल्प लिया है। उनकी मांग है कि जावा को स्वतंत्र ग्राम पंचायत का दर्जा मिले।
रायपुर, छत्तीसगढ़ — छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर गहमागहमी का माहौल है, वहीं आरंग ब्लॉक के आश्रित ग्राम जावा के ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है। यह फैसला ग्रामवासियों ने तब लिया जब उनकी मांग, जावा को स्वतंत्र ग्राम पंचायत का दर्जा देने, पूरी नहीं की गई।
स्वतंत्र ग्राम पंचायत का दर्जा देने की मांग
आश्रित ग्राम जावा के ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से वे प्रशासन और सरकार से जावा को पूर्ण ग्राम पंचायत का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी मांग पर कोई सुनवाई नहीं हुई। इस कारण उन्होंने पंचायत चुनाव में मतदान नहीं करने का संकल्प लिया है और इस संबंध में रायपुर कलेक्टर को पत्र भी भेजा है।
विकास कार्यों का अभाव
गांव के प्रमुख कन्हैया वर्मा ने बताया कि जबकि ग्राम पंचायत सकरी में विकास कार्य हुए हैं, लेकिन जावा गांव में विकास कार्यों का अभाव है। सकरी का आश्रित ग्राम जावा आज भी उपेक्षित है, जिसके कारण ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है। उन्होंने कहा कि, “गांव के सभी मतदाताओं ने निर्णय लिया है कि इस बार मतदान नहीं करेंगे, भले ही उनका मतदान व्यर्थ चला जाए।”
नेताओं और अधिकारियों से लगातार मांग
जावा गांव के पूर्व पंच विक्रम वर्मा और बिसंबर वर्मा ने बताया कि, वे कई सालों से नेताओं, मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाकात कर जावा को पूर्ण ग्राम पंचायत का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई। जावा गांव में लगभग 650 मतदाता हैं, जिन्होंने इस बार पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
अधिकारियों का प्रयास जारी
ग्रामीणों की नाराजगी को देखते हुए आरंग के अधिकारियों और तहसीलदार विनोद साहू ने जावा गांव के मतदाताओं के साथ बैठक की थी। इस बैठक में ग्रामीणों ने अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि जब तक जावा को पूर्ण पंचायत का दर्जा नहीं मिल जाता, तब तक वे किसी भी चुनाव में मतदान नहीं करेंगे। हालांकि, अधिकारी अब भी प्रयास कर रहे हैं कि वे ग्रामीणों को समझा सकें।