व्लादिमीर पुतिन की ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस: 20 लाख सवालों के बीच रूसी राष्ट्रपति ने रखी अपनी बात

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए 20 लाख सवाल। जानें युद्ध, अर्थव्यवस्था और वैश्विक राजनीति पर पुतिन के बड़े बयान और इस कार्यक्रम की मुख्य बातें।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस और ‘डायरेक्ट लाइन’ कार्यक्रम के जरिए दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस मेगा इवेंट की सबसे खास बात यह रही कि इसमें रूसी जनता की ओर से लगभग 20 लाख (2 मिलियन) से अधिक सवाल और संदेश प्राप्त हुए। पुतिन ने घंटों चले इस संवाद के दौरान युद्ध, अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय संबंधों जैसे ज्वलंत मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।

विशाल जनभागीदारी और वैश्विक संदेश

इस कार्यक्रम को रूस के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय एजेंडे को सेट करने वाले सबसे बड़े मंच के रूप में देखा जाता है। 20 लाख से अधिक सवालों का आना यह दर्शाता है कि रूसी जनता के बीच राष्ट्रपति की नीतियों को लेकर कितनी उत्सुकता है। पुतिन ने इन सवालों के जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि रूस अपनी संप्रभुता और सुरक्षा हितों से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बावजूद रूसी अर्थव्यवस्था की मजबूती का दावा किया।

प्रमुख मुद्दे: युद्ध और अर्थव्यवस्था

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुतिन ने यूक्रेन के साथ चल रहे संघर्ष पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने दोहराया कि रूस के लक्ष्य अपरिवर्तित हैं और जब तक लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाते, शांति वार्ता की शर्तें रूस के पक्ष में ही रहेंगी। इसके साथ ही, उन्होंने महंगाई और आपूर्ति श्रृंखला जैसे आंतरिक मुद्दों पर आम नागरिकों की शिकायतों को सुना और संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।

अंतरराष्ट्रीय कूटनीति पर रुख

वैश्विक राजनीति पर बात करते हुए पुतिन ने अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ भविष्य के संबंधों पर भी संकेत दिए। उन्होंने कहा कि रूस संवाद के लिए तैयार है, लेकिन यह समानता और आपसी सम्मान के आधार पर होना चाहिए। इस मैराथन सत्र ने न केवल पुतिन की घरेलू पकड़ को प्रदर्शित किया, बल्कि पश्चिमी दुनिया को यह संदेश भी दिया कि रूस अलग-थलग पड़ने के बजाय अपनी शर्तों पर आगे बढ़ रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *