छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित ₹570 करोड़ के कथित कोयला लेवी घोटाले से जुड़े एक मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी नवनीत तिवारी को जमानत दे दी है। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate – ED) द्वारा दर्ज इस मामले में यह फैसला जांच और कानूनी कार्यवाही दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
घोटाला और आरोप
- मामले का स्वरूप: यह घोटाला कोयले के परिवहन पर प्रति टन अवैध लेवी (extortion) लगाने से संबंधित है। आरोप है कि यह अवैध वसूली राज्य के वरिष्ठ नौकरशाहों, राजनेताओं और व्यापारियों के संगठित समूह द्वारा की गई थी।
- नवनीत तिवारी की भूमिका: नवनीत तिवारी पर कथित तौर पर इस अवैध लेवी को इकट्ठा करने और उसे विभिन्न हितधारकों तक पहुँचाने में सक्रिय रूप से शामिल होने का आरोप है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
नवनीत तिवारी को जमानत मिलने का फैसला मामले की कार्यवाही के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।
- जमानत का आधार: सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते समय क्या आधार रखा, इसका विस्तृत विवरण अभी सामने नहीं आया है, लेकिन सामान्य तौर पर जमानत याचिकाएँ लंबी हिरासत और यह देखते हुए दी जाती हैं कि क्या सबूतों के साथ छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित करने की संभावना कम है।
- ED की जांच: प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस मामले की गहनता से जांच कर रहा है और उसने पहले ही कई वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनेताओं को गिरफ्तार किया है और उनकी संपत्तियां जब्त की हैं।
नवनीत तिवारी को जमानत मिलना इस बड़े आर्थिक अपराध मामले में कानूनी लड़ाई को और जटिल बना सकता है।