लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संसद में देश के प्रमुख शहरों, विशेषकर दिल्ली, में गंभीर वायु प्रदूषण का मुद्दा उठाया। उन्होंने इस विषय को राष्ट्रीय महत्व का बताते हुए सदन में व्यापक बहस की मांग की।
राहुल गांधी के प्रमुख वक्तव्य
शुक्रवार को सदन में बोलते हुए, राहुल गांधी ने वायु प्रदूषण के विनाशकारी प्रभावों को उजागर किया:
- भविष्य पर खतरा: उन्होंने कहा, “हमारे अधिकांश बड़े शहर जहरीली हवा की चादर में लिपटे हुए हैं। लाखों बच्चे फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं, उनका भविष्य खतरे में है। लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे हैं।”
- समाधान पर जोर: राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि इस मुद्दे पर ‘ब्लेम गेम’ (एक-दूसरे पर दोषारोपण) से हटकर समाधान पर ध्यान केंद्रित किया जाए।
- रोडमैप की मांग: उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए उसका अगले 4-5 वर्षों का रोडमैप क्या है और अनुरोध किया कि इसे सदन के पटल पर पेश किया जाए। उन्होंने यह भी मांग की कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर हर शहर के लिए अलग प्रदूषण नियंत्रण योजना तैयार करे।
सरकार की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के सुझाव पर प्रतिक्रिया देते हुए, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार वायु प्रदूषण के मुद्दे पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा बिजनेस एडवाइजरी कमिटी के संज्ञान में लाया गया है, और सरकार विपक्ष के सुझावों को साथ लेकर इस महत्वपूर्ण मामले पर चर्चा करने और समाधान निकालने के लिए प्रतिबद्ध है।
राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि यह कोई वैचारिक विवाद का विषय नहीं है, बल्कि देशहित का मामला है, जिस पर सभी को मिलकर काम करना चाहिए।