Yogi Adityanath की मुहिम: भूमि माफिया से मुक्त भूमि पर आवासीय योजना
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने माफिया नेताओं द्वारा अवैध रूप से कब्जाई गई भूमि को मुक्त कराकर भूमि माफिया से मुक्त भूमि पर गरीबों के लिए आवास सुनिश्चित किया है। हाल ही में लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र में 2,322 वर्गमीटर जमीन को माफिया के कब्जे से मुक्त कराया गया और इस पर 72 ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स बनाए गए।
इसके अलावा प्रयागराज में भी इसी प्रकार की कार्रवाई के तहत माफिया की कब्जे वाली जमीन पर फ्लैट्स बनाये गए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि मुख्यमंत्री की नीति सिर्फ वादों तक सीमित नहीं है बल्कि क्रियान्वित हो रही है।
मुख्य उद्देश्य है कि राज्य में गरीबों के लिए आवासीय योजना को गति दी जाए और माफिया कब्जा पर अंकुश लगाया जाए ताकि संपन्न इलाके में भी निम्न-आय वर्ग के लोगों को अपना घर मिले।
कैसे हुआ यह कदम: प्रक्रिया और प्रभाव
- पहली प्रक्रिया में, संबंधित विकास प्राधिकरण-जैसे कि Lucknow Development Authority ने लखनऊ में माफिया नेता Mukhtar Ansari के कब्जे से जमीन मुक्त करायी।
- उक्त स्थल पर तीन G+3 ब्लॉक्स बनाए गए जिनमें 36.65 वर्गमीटर के फ्लैट्स शामिल हैं, earmarked ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए।
- लॉटरी प्रक्रिया द्वारा चयनित लाभार्थियों को चाबियाँ सौंपने की प्रणाली अपनायी गयी ताकि प्रक्रिया पारदर्शी रहे।
- इस नीति का व्यापक सामाजिक-आर्थिक प्रभाव: उन परिवारों को घर मिलना जहाँ पहले आशियाना सिर्फ सपना था; साथ ही यह संकेत कि “माफिया का राज” अब खत्म हो रहा है।
- राज्य सरकार ने बताया कि अब तक 66 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि अवैध कब्जाधारियों से मुक्त करायी गई है।
इस पहल का व्यापक महत्व और आगे की चुनौतियाँ
यह नीति एक आवासीय न्याय मॉडल प्रस्तुत करती है जो भूमि माफिया से मुक्त भूमि को सामाजिक विकास के लिए पुनः उपयोग करती है। इससे निम्न-आय वर्ग के लोगों को आवास मिलता है और राज्य में कानून-व्यवस्था को मजबूती मिलती है।
आगे की चुनौतियाँ इस प्रकार हैं:
- यह सुनिश्चित करना कि जितनी भूमि मुक्त हुई है, उस पर समय-बद्ध तरीके से और पर्याप्त फ्लैट्स बनें।
- उन इलाकों में जहाँ माफिया के गहरे नेटवर्क हैं, वहाँ पुनः कब्जा न हो इसके लिए सतत निगरानी और प्रशासनिक क्षमता को मजबूत करना।
- लाभार्थियों को मिलने वाले फ्लैट्स की गुणवत्ता, पूर्वोत्तर सुविधाओं (पानी, बिजली, परिवहन) की उपलब्धता सुनिश्चित करना ताकि यह सिर्फ नाम का आवास न हो।
- नीति-रूप में यह देखना कि क्या यह मॉडल अन्य जिलों और राज्यों में भी सफलतापूर्वक लागू हो सकता है।