रायपुर: छत्तीसगढ़ ड्राइवर महासंघ ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर शनिवार (25 अक्टूबर 2025) से प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान कर दिया है। “स्टेयरिंग छोड़ो, चक्का जाम आंदोलन” की शुरुआत होते ही राजधानी रायपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में बसें, ऑटो और मालवाहक वाहनों की रफ्तार थम गई है, जिससे आम जनता और परिवहन व्यवस्था पर व्यापक असर पड़ने की आशंका है। महासंघ ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
हड़ताल की स्थिति और असर
हड़ताल का असर नेशनल हाईवे 130 सी जैसे प्रमुख मार्गों पर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है, जहां बड़ी संख्या में ड्राइवर एकजुट हुए हैं। शुरुआती दौर में ड्राइवरों ने चक्का जाम करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की समझाइश के बाद वे सड़क किनारे शांतिपूर्ण धरना दे रहे हैं। महासंघ का दावा है कि प्रदेशभर से लगभग 50 से 60 हजार ड्राइवर इस आंदोलन को एकजुट होकर समर्थन दे रहे हैं। ड्राइवरों का कहना है कि बार-बार मांग पत्र सौंपे जाने के बावजूद जब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तब उन्हें मजबूरन सड़क पर उतरना पड़ा है।
ड्राइवरों की प्रमुख 11 सूत्रीय मांगें
इस अनिश्चितकालीन हड़ताल के पीछे ड्राइवरों की मुख्य मांगें निम्न हैं:
- पूर्ण शराबबंदी: प्रदेश में तत्काल पूर्ण शराबबंदी लागू की जाए।
- ड्राइवर आयोग एवं वेलफेयर बोर्ड: ड्राइवर आयोग और ड्राइवर वेलफेयर बोर्ड का तत्काल गठन किया जाए।
- दुर्घटना सहायता राशि: सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर 10 लाख रुपये और अपंगता की स्थिति में 5 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए।
- बीमा व्यवस्था: कमर्शियल लाइसेंस पर अनिवार्य बीमा की व्यवस्था हो।
- पेंशन: 55 वर्ष की आयु पूरी होने पर ड्राइवरों को पेंशन योजना का लाभ दिया जाए।
- सुरक्षा और दंड: ड्राइवरों के साथ मारपीट या लूट की घटना पर पांच वर्ष तक के कठोर दंड का प्रावधान हो।
- आरक्षण: ड्राइवरों के बच्चों को शिक्षा और सरकारी नौकरी में आरक्षण मिले।
- स्वास्थ्य कार्ड: सभी चालकों के लिए हेल्थ कार्ड की व्यवस्था की जाए।
- स्मारक: राज्य के सभी जिलों में ड्राइवर स्मारक का निर्माण कराया जाए।
महासंघ ने साफ कर दिया है कि जब तक इन मांगों पर सरकार की ओर से कोई ठोस पहल नहीं होती, तब तक प्रदेश में यात्री और मालवाहक वाहनों का चक्का जाम रहेगा।