छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के रजत महोत्सव के अवसर पर, 1 नवंबर से 5 नवंबर तक शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। नवा रायपुर के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी वाणिज्य एवं व्यापार परिसर में होने वाले इस पांच दिवसीय समारोह में देश और प्रदेश के कई प्रसिद्ध कलाकार अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां देंगे।
इस महोत्सव में कलाकारों के लिए मुख्य मंच के अलावा शिल्पग्राम मंच भी तैयार किया गया है, जहाँ विभिन्न विधाओं के कार्यक्रम आयोजित होंगे।
मुख्य आकर्षण और प्रमुख प्रस्तुतियाँ
राज्योत्सव में देश के कई जाने-माने कलाकार शिरकत करेंगे, जिनमें प्रमुख हैं:
| दिनांक | मुख्य आकर्षण | प्रस्तुति |
| 1 नवंबर | हंशराज रघुवंशी | रात 8 बजे |
| 2 नवंबर | आदित्य नारायण (सुप्रसिद्ध पार्श्व गायक) | रात्रि 9 बजे |
| 3 नवंबर | भूमि त्रिवेदी (पार्श्व गायिका) | रात्रि 9 बजे |
| 4 नवंबर | अंकित तिवारी (पार्श्व गायक) | रात्रि 9 बजे |
| 5 नवंबर | कैलाश खेर (पार्श्व गायक) | रात्रि 9 बजे |
दिन-वार सांस्कृतिक कार्यक्रम
1 नवंबर को सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत सुबह 11 बजे सु. ऐश्वर्या पंडित के गायन से होगी। इसके बाद पीसी लाल यादव, सु. आरू साहू, दुष्यंत हरमुख, और मती निर्मला ठाकुर जैसे स्थानीय कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
2 नवंबर को, मुख्य आकर्षण आदित्य नारायण से पहले, शाम 6.30 बजे से सुनील तिवारी, सु. जय नायर, चिन्हारी द गर्ल बैंड और पद्म डोमार सिंह कंवर का नाचा दल अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।
3 नवंबर की सांस्कृतिक संध्या में शाम 6 बजे से पद्म उषा बारले की पण्डवानी, राकेश शर्मा का सूफी-भजन गायन और कुलेश्वर ताम्रकार का लोकमंच की प्रस्तुति होगी, जिसके बाद रात 9 बजे भूमि त्रिवेदी का गायन होगा।
4 नवंबर को शाम 6 बजे कला केंद्र रायपुर बैंड, मती रेखा देवार के लोकगीत और प्रकाश अवस्थी की प्रस्तुति होगी, जिसके बाद अंकित तिवारी अपनी आवाज का जादू बिखेरेंगे।
5 नवंबर को सांस्कृतिक संध्या में मती पूनम विराट तिवारी और इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ का कार्यक्रम होगा, और फिर रात 9 बजे कैलाश खेर अपनी प्रस्तुति देंगे।
शिल्पग्राम मंच की गतिविधियाँ
मुख्य मंच के साथ-साथ शिल्पग्राम मंच पर भी पाँचों दिन सुबह से देर शाम तक छत्तीसगढ़ की समृद्ध कला-संस्कृति को दर्शाती हुई प्रस्तुतियाँ होंगी। यहाँ बाँसगीत, पंडवानी, पंथी नृत्य, भरथरी, सुआ नृत्य, लोकमंच, शास्त्रीय नृत्य (कत्थक, भरतनाट्यम, ओडिसी) और विभिन्न लोक संगीत विधाओं के कलाकार मनमोहक छटा बिखेरेंगे। इनमें मोहम्मद अनस (पियानो), मती बासंती वैष्णव (कत्थक), मंगलूराम यादव (बांसगीत), पूसऊराम बंजारे (पंडवानी), ईकबाल ओबेराय (म्यूजिक ग्रुप), गिरवर सिंह ध्रुव (भूंजिया नृत्य) और कई अन्य स्थानीय कलाकार शामिल होंगे।