बिलासपुर मेमू ट्रेन हादसा: 23 दिन बाद बड़ा मोड़, चश्मदीद महिला एएलपी रश्मि राज का गोपनीय बयान दर्ज

बिलासपुर मेमू ट्रेन हादसा: 23 दिन बाद बड़ा मोड़, चश्मदीद महिला एएलपी रश्मि राज का गोपनीय बयान दर्ज

बिलासपुर में हुई मेमू (MEMU) ट्रेन दुर्घटना के 23 दिन बाद जाँच में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। इस हादसे की अहम चश्मदीद गवाह महिला असिस्टेंट लोको पायलट (एएलपी) रश्मि राज का गोपनीय बयान (Confidential Statement) न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज किया गया है। यह बयान इस पूरे मामले की गुत्थी सुलझाने में निर्णायक साबित हो सकता है।

हादसे का संक्षिप्त विवरण

बिलासपुर रेल मंडल के अंतर्गत यह मेमू ट्रेन दुर्घटना लगभग तीन सप्ताह पहले हुई थी, जिसमें कुछ यात्री घायल हुए थे और ट्रेन को काफी नुकसान पहुंचा था। घटना के तुरंत बाद रेलवे ने जाँच के आदेश दिए थे।

  • जाँच की दिशा: रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) के तहत मामले की जाँच चल रही है। दुर्घटना के सही कारणों का पता लगाने के लिए तकनीकी पहलुओं के साथ-साथ कर्मचारियों की भूमिका की भी जाँच की जा रही है।

गोपनीय बयान का महत्व

रश्मि राज, जो दुर्घटना के समय ड्यूटी पर थीं, इस हादसे की प्रत्यक्षदर्शी हैं।

  • विलंब का कारण: सूत्रों के अनुसार, घटना के तुरंत बाद सदमे में होने या स्वास्थ्य कारणों से उनका बयान दर्ज नहीं हो सका था। 23 दिन बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने उनका बयान दर्ज किया जाना, जाँच प्रक्रिया में गति लाएगा।
  • सत्य उजागर होने की उम्मीद: असिस्टेंट लोको पायलट के रूप में, रश्मि राज ने हादसे से ठीक पहले ट्रेन के संचालन और सिग्नलों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देखी होगी। उनका गोपनीय बयान दुर्घटना के सही कारणों—चाहे वह मानवीय भूल हो, तकनीकी खराबी, या सिग्नल संबंधी चूक—को उजागर करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

रेलवे प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जाँच पूरी होने के बाद दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *